बच्चें हर तरह से रोगाणु के संपर्क में आते हैं, स्कूल से लेकर खेलने के मैदान तक | और जब यही रोगाणु बच्चों के शरीर में पनपते हैं तो शरीर बीमारियों का घर हो जाता है | इसलिए बच्चों को स्वच्छ रहना सीखना बहुत ज़रूरी है |
बच्चों को स्वस्थ और स्वच्छ रखने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता की मूल बातों का शिक्षण महत्वपूर्ण है | ज्यादातर मामलों में, आपको यह बताना चाहिए कि जीवाणु कैसे काम करते हैं, स्वच्छता योजना कैसे बनाएँ और स्वच्छ रहना कितना ज़रूरी है।
इस लेख मे बच्चों को व्यक्तिगत स्वच्छता कैसे सिखाई जाए उस बारे मे चर्चा करेंगे |
अपने बच्चों को भोजन खाने से पहले और खाने के बाद, शौचालय जाने के बाद और जानवरों से खेलने या छूने या गंदी चीजों को हाथ लगाने के बाद अच्छी तरह से साबुन और पानी से हाथ धोना सिखाएँ |
आपको अपने बच्चों को सुबह और रात को सोने से पहले ब्रश करना सिखाना चाहिए ताकि उनके दाँत साफ और चमकदार रहें | बच्चों को नियमित जांच के लिए दंत चिकित्सक को भी दिखायें |
नियमित स्नान आपके बच्चों को साफ और स्वस्थ रखेगा | उन्हें शरीर के विभिन्न अंगों को साफ करना सिखाएँ – जैसे चेहरा, हाथ, पैर, बाजू, पीठ, पेट (नाभि), कोहनी और घुटने |
सुनिश्चित करें कि वह स्नान करने के लिए साबुन का उपयोग करें और फिर अपने आपको टॉवल से अच्छे से सुखाएँ |
बालों को गंदगी और रूसी से मुक्त रखने के लिए बच्चों को सप्ताह में कम से कम दो बार बाल धो कर अच्छे से सुखाने चाहिए। बालों की देखभाल अगर सही से नहीं होती तो उन्हें सिर में जूँ, रूसी, और अन्य बालो की समस्याएं पैदा हो सकती हैं |
पैर शरीर का वह हिस्सा है जो सबसे ज़्यादा किटाणु के संपर्क में आता है | बच्चों को सिखाएँ की वह नंगे पॉव ना घूमे |
पैरों में लगातार जूते पहनने की वजह से कई बार बदबू हो जाती है तो इसलिए बच्चों के पैरों को दिन में दो बार साबुन और पानी से अच्छे से धोइये |
बच्चों को शौच करने के बाद टॉयलेट पेपर या पानी के साथ अपने निजी अंग को ठीक से पोंछना सिखाएँ |
शौचालय इसतेमाल करने के बाद में फ्लश करना और फिर साबुन-पानी से हाथ धोना सिखाएँ | उन्हें यह भी बताएँ की कचरे को कूड़ेदान में फेंकें |
आपका बच्चा जब छींकता या खांसी करता है तो, उसे टिश्यू पेपर के साथ अपने मुंह को ढकना चाहिए |
साथ ही छींकने या खाँसी के बाद हमेशा उन्हें हाथ धोने चाहिए |
बच्चों को समझाएँ कि जो बीमार बच्चें के साथ खाना, पानी, बिस्तर या अन्य चीजें साझा न करें | ऐसा करने से स्वस्थ बच्चों में जीवाणु फैल सकता है |
निजी स्वच्छता के अलावा, बच्चों को घर पर भी स्वच्छता बनाएँ रखनी चाहिए | उन्हें अपने परिवेश को साफ रखना और सब कुछ अपने स्थान पर रखना चाहिए |
साथ ही घर में रहते हुए, गुडनाइट एक्टिव+ सिस्टम का उपयोग करें और घर मे होने वालो मच्छरों को दूर भगाकर दोहरी स्वच्छता
अपनाएँ |
बच्चों को सप्ताह में एक बार नाखून काटने के लिए बताएँ और उन्हे ये भी बताए की नाखून को छोटा और साफ रखना चाहिए |
नाख़ून बड़े रखने से उनमें मिट्टी और कीटाणु जम जाते हैं, जो खाना खाते वक़्त मुँह में जाते हैं |
बच्चों में निजी स्वच्छता ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण लिया है क्योंकि बच्चें निरंतर सभी प्रकार के वातावरण और प्राकृतिक तत्वों के संपर्क में आते हैं।
इसलिए बच्चों मे बचपन में अच्छी स्वच्छता की आदत विकसित करना बहुत ज़रूरी है, जिस से उनमें बड़े होकर भी वही आदतें रहती हैं |
अत: अपने बच्चों और खुद को बीमारियों से बचाने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता रखना |