19 वीं शताब्दी की शुरुआत में, यह पता चला कि आवश्यक तेलों की खुशबू जो मनुष्य को भाती है, मच्छरों के लिए एक तीखी गंध है, जो मच्छरों को दूर रखती है। यूरेका!
और इतिहास गवाह है कि आवश्यक तेलों का उपयोग मच्छर और अन्य कीट से बचाने वाले विकर्षकों / रिपेलेंट्स के रूप में सदियों से हो रहा है। सिट्रोनेला तेल और नीलगिरी ऐसे ही दो आवश्यक तेल हैं | सिट्रोनेला मच्छर विकर्षक / रिपेलेंट्स इन दिनों बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं।
सिट्रोनेला एक ऐसा तेल है जो लेमनग्रास जाति के एक पौधे के पत्तों और तने से निकला जाता है। सिट्रोनेला तेल एक प्राकृतिक मच्छरों से बचाने वाला तेल है जो इस पौधे की पत्तियों और तनों को मसलकर निकला जाता है। सीधे तेल लगाने, इन्फ्यूसर्स आदि के रूप में मच्छरों के लिए सिट्रोनेला तेल का उपयोग विभिन्न तरीके से किया जाता है।
घास और पेड़ों के मिश्रित गंध वाला सिट्रोनेला तेल का रंग पीला भूरा होता है ।
दूसरी ओर नीलगिरी का तेल एक पूर्ण विकसित नीलगिरी के पेड़ की पत्तियों से निकाला जाता है । नीलगिरी की विभिन्न किस्में हैं लेकिन उनमें से ज्यादातर मच्छरों को भगाने में बहुत काम आती हैं। तेल, इन्फ्यूसर्स और कभी कभी पत्ते भी, मच्छरों के लिए उपरोक्त सिट्रोनेला तेल की तरह नीलगिरी का तेल भी विभिन्न रूपों में आता है।
तीखी गंध वाला नीलगिरी का तेल सुनहरे भूरे रंग का होता है ।
सिट्रोनेला तेल और नीलगिरी तेल मच्छर से बचाने वाले विकर्षक के रूप में कैसे काम करते हैं?
सिट्रोनेला तेल और नीलगिरी दोनों तेल कड़े मच्छर विकर्षक / रिपेलेंट्स हैं, लेकिन जब वे दोनों एक परिपूर्ण अनुपात में मिश्रित हों तो अधिक प्रभावशाली होते हैं । वर्षों के अनुसंधान के बाद गुड नाईट ने यह सही अनुपात हासिल किया है और दो सिट्रोनेला और नीलगिरी तेल से बने बाह्य मच्छर विकर्षक / रिपेलेंट्स – गुड नाईट फैब्रिक रोल ऑन और गुड नाईट पैचेस लॉन्च किए हैं।
आप सोच रहे होंगे कि सिट्रोनेला तेल, जो लेमनग्रास से निकाला जाता है, तो मच्छरों को भगाता है, लेमनग्रास पौधों के पास और आसपास कोई मच्छर नहीं होगा। आप नीलगिरी के पेड़ों के बारे में भी यही कह सकते हैं।
गलत। केवल सक्रिय संघटक (जो तेल के रूप में निकाला जाता है) मच्छरों को भगाता है न कि पूरे पौधे / पेड़। इसलिए यदि आपके घर के पीछेवाले आँगन में लेमनग्रास की पूरी झाड़ी हो, तो भी मच्छर पौधे के चारों ओर मंडरा सकते हैं।
ये तेल मच्छरों को नहीं मारते हैं बल्कि उन्हें भगा देते हैं। इन पौधों के मच्छर विरोधी गुण यह सुनिश्चित करते हैं कि मच्छर तेल की गंध से परेशान हो कर हमारे पास नहीं आयें । इसलिए जब इन तेलों को त्वचा या कपड़ों पर लगाया जाता है, तो इसकी गंध मच्छरों के लिए असहनीय हो जाती है और वे हमें नहीं काटते।
मच्छर भगाने के लिए सिट्रोनेला तेल और नीलगिरी तेल का उपयोग कैसे करें?
आप बाजार से सिट्रोनेला तेल और नीलगिरी तेल खरीद सकते हैं और या तो उनका अलग अलग इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर मिलाकर कपड़ों पर लगाकर मच्छरों को भगा सकते हैं। लेकिन इसके साथ समस्या यह है कि ये तेल वास्तव में तेजी से वाष्पित हो जाते हैं और इसे लगाने के कुछ ही मिनट बाद आपको मच्छर फिर से काट सकते हैं। इसके अलावा तेल का सही अनुपात में मिश्रण करना और इस्तेमाल करना बेहद मुश्किल है और फिर आपको इन तेलों की तीखी गंध से भी परेशानी हो सकती है।
इसलिए भारत के सबसे भरोसेमंद मच्छर भगाने वाले ब्रांड गुड नाईट ने सिट्रोनेला और नीलगिरी के तेल से बने मच्छर विकर्षक / रिपेलेंट्स – गुड नाईट फैब्रिक रोल ऑन और गुड नाईट पैचेस लॉन्च किए हैं। दोनों में सिट्रोनेला और नीलगिरी के तेल का एक आदर्श/ सही मिश्रण है और वे मच्छरों से 8 घंटे तक सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके उच्च गुणवत्ता वाले एक्सिपिएंट्स/ सम्मिश्रण के कारण यह 8 घंटे तक चल सकता है। यदि आप इसकी मात्रा के बारे में सोच रहे हैं – यह पैक पर लिखी हुई है।
बस अपने कपड़े पर गुड नाईट फैब्रिक रोल ऑन के 4 डॉट्स लगाएं या 2 पैच, मच्छरों के कारण होनेवाली बीमारी से 8 घंटे तक पूर्ण बाह्य सुरक्षा के लिए लगायें।
और गंध के बारे में चिंता न करें – गुड नाईट फैब्रिक रोल ऑन के दो वेरिएंट/विकल्प उपलब्ध हैं – खट्टे/ खटास और बबल गम की सुगंध में आपकी अपनी पसंद के अनुसार ।
आप यह भी याद रखें कि डेंगू और चिकनगुनिया का कारण बनने वाले मच्छर ज्यादातर दिन में काटते हैं जब आप बाहर होते हैं, इसलिए घर से बाहर निकलने से पहले अपने परिवार को और खुद को सुरक्षित रखने के लिए इनका रोज़ाना इस्तेमाल करें। ।
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